जीवधारियों का वर्गीकरण

अरस्तू द्वारा समस्त जीवो को दो समूहों में विभाजित किया गया है _ जंतु समूह और वनस्पति समूह
लिनियस ने भी अपनी पुस्तक systema naturae मे जीवो को दो भागों में बांट हैं plant Kingdom तथा animal kingdom मै विभाजित किया गया है लीनियस ने वर्गी कर्ण प्रणाली शुरू की इसीलिए उन्हें आधुनिक वर्गीकरण का पिता कहते हैं
वर्गीकरण के आधार पर शिव धारियों का पांच जगत है
1.मोनेरा 2.प्रोटिस्टा 3. पादप 4.कवक 5. जंतु
मोनेरा:-जगत में सभी प्रोकेरियोटिक जीव अर्थात जीवाणु साइनोबैक्टीरिया ,आर्की  बैक्टीरिया ,शामिल किए गए हैं तंतुमय  जीवाणु भी इसी जगत में आते हैं
प्रोटिस्टा:- इस जगत में विविध प्रकार की एक कोशिश जीव यूकैरियोटिक जीव सम्मिलित किए गए हैं पादप एवं जंतुओं के बीच स्थित यूग्लीना इसी जगत में है यह दो प्रकार की जीवन पद्धति प्रदर्शित करती है सूर्य के प्रकाश में स्वपोषित एवं प्रकाश के अभाव में इतर पोषित इसके अंतर्गत साधारणतया प्रोटोजोआ आते हैं
पादप:- इस जगत में प्रायः वे सभी रंगीन  बहुकोशिकी प्रकाश संश्लेषण उत्पादक जीव सम्मिलित है  शैवाल मास पुष्पीय तथा अपुष्पीय पौधों से जगत के अंग हैं
कवक:- इस जगत में यूकैरियोटिक तथा पर पोषित जीवधारी सम्मिलित किए जाते हैं जिसमें अवशोषण द्वारा पोषण होता है यह सभी इतरपोषि होते हैं यह परजीवी अथवा मृतोपजीवी होते हैं इस की कोशिका भित्ति काईटीन बनी होती है
जंतु:- विश्व भर में इस जगत में सभी बहुकोशीय जंतु संभोजी यूकैरियोटिक उपभोक्ता जीव सम्मिलित किए जाते हैं उनको  मेटाजोआ भी कहते हैं हाइड्रा जेलीफिश सितारा मछली सरीसरप पक्षी स्तनधारी जीव जगत क अंग है

टिप्पणियाँ